Tuesday 3 February 2015


भाजपा सरकार का शतक , स्तिथि नाजुक।स्टाफ तो क्या रिटायर्ड प्रिंसिपल की भी सैलरी अटकी। कॉलेज भवन में अटके तमाम प्रोजेक्ट, विद्यार्थियों भी  परेशानी।

मंडी डबवाली

जी हा आज भाजपा सरकार के 100 दिन पूरे हो रहे हैं। लेकिन  आफते कम होने नाम नही ले रही स्तिथि फिलहाल नाजुक कही जा सकती है।जिस दिन से प्रदेश में नई सरकार बनी है तब से शहर के एकमात्र राजकीय कॉलेज के स्टाफ को सैलरी नहीं मिली है। न ही कॉलेज में सरकार की कोई योजना पर काम हो रहा है। नोबत  है सरकार की ओर से रिटायरमेंट की उम्र 60 से घटाकर 58 किए जाने के फैसले के चलते रिटायर हुए प्रिंसिपल का पद खाली होना।

    सिरसा हाइवे पर गांव डबवाली के पास बने डॉ. भीमराव अंबेडकर राजकीय कॉलेज के नए भवन में शिफट होने के बाद कॉलेज के इस सत्र में तमाम सुविधाएं पूरी होने की उम्मीद थी लेकिन नई सरकार बनने के बाद 3 माह में से अधिकतर समय बिना प्रिंसिपल के गुजर गया है। जिससे काॅलेज के लिए कई प्रोजेक्ट का काम अधूरा पड़ा है वहीं स्टाफ को भी सैलरी नहीं मिलने से परेशानी का सामना करना पड़ा रहा है। कॉलेज से 29 नवंबर को रिटायर हुए तत्कालीन प्रिंसिपल डॉ. पवन गर्ग को अभी अपनी अंतिम सैलरी और पहली पेंशन के भुगतान का इंतजार है। इसी प्रकार दूसरे डेढ़ दर्जन प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर तथा दर्जनभर नॉन टिचिंग स्टाफ काे लगातार चौथे माह सैलरी का इंतजार है। इसी प्रकार कॉलेज में आधा दर्जन एक्सटेंशन लेक्चरर को भी अपने मेहनताना पाने को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।

आफत है भारी ये काम अभी भी अटके

विद्यार्थियों ने बताया कि कॉलेज में पहुंचने के लिए रोड बनाने का वादा एक दो माह में पूरा करने की बात हुई थी लेकिन प्रिंसिपल नहीं होने से पिछले 4 महिनें में विद्यार्थियों की इस समस्या पर गंभीरता नहीं बरती जा रही है। इसके अलावा खेल मैदान की तमाम व्यवस्थाएं पूरी नहीं हुई है। साथ ही लैब अपग्रेड करने का काम भी बीच में पड़ा है। स्टूडेंट के लिए कॉलेज परिसर में बनने वाले पार्क, पार्किंग और शैड का काम भी शुरू नहीं हो पाया है। कॉलेज प्रिंसिपल नियुक्त हों तो सभी कार्यों को तेजी मिलेगी और विद्यार्थियों को पूरी सुविधाएं मिलेंगी।

काॅलेज का नया भवन बन जाने के बाद क्षेत्र के विद्यार्थियों को पोस्ट ग्रेजुएट की संभी संकाय में कक्षाएं शुरू होने का भी इंतजार है। काॅलेज विद्यार्थी विनोद कुमार, राजेंद्र, संदीप सुथार, राजेश, कृष्ण चंद्र व अनिल ने बताया कि कॉलेज में पीजी कक्षएं शुरू की जानी चाहिए। इसके लि नए काॅलेज में पूरे कमरे व संसाधन भी उपलब्ध हैं। मौजूदा समय में बीए फाइनल इयर में करीब 250 से विद्यार्थी हैं जिन्हे पीजी के लिए दूसरे शहरों में जाना हाेगा।

अभी रिटायर प्रिंसिपल की भी अटकी सैलरी और पेंशन

वहीं डॉ . पवन गर्ग, रिटायर्ड प्रिंसिपल ने बताया कि मेरी रिटायरमेंट के नवंबर माह की सैलरी और बाकी बिलों का भुगतान अभी अटका हुआ है। तीन माह बाद भी दूसरे प्रिंसिपल नियुक्त नहीं होने व किसी को डीडीओ पावर नहीं मिलने से पहली पेंशन का भी इंतजार है। प्रिंसिपल नहीं होने से कॉलेज के सभी पोजेक्ट अटककर रह गए हैं। पूरे स्टाफ को सैलरी भी नहीं मिली है। इससे महंगाई के दौर में चौथा माह बिना सैलरी काटना सभी के लिए मुश्किल है।

दूसरी ओर कार्यकारी प्रिंसिपल राकेश वाधवा ने कहा किप्रिंसिपल नियुक्त नहीं होने व कॉलेज में किसी को डीडीओ पॉवर अभी नहीं मिली है। जिसके कारण कुछ काम अटके हुए हैं। सैलरी नहीं मिलने से किसी पियन या कुछ स्टाफ सदस्यों को दिक्कत है ओर कोई समस्या नहीं है। इसके बारे में मुझे ज्यादा जानकारी नहीं है।

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