Tuesday 23 July 2013

पहले मिड डे मिल अब आयरन का असर ,आयरन की गोलियाँ खिलाने से बच्चों का बिगड़ा स्वास्थय

GURVINDER PANNU

  SATKARTV

अलग स्कूलों में क़रीब 150 बच्चें हुए आयरन के शिकार
8 बच्चों को किया गया डबवाली के लिए रेफर ,2 की हालत नाज़ुक
एक बार फिर दिखी स्वास्थय विभाग की लापरवाही
एंकर रीड :
5 दिन पहले - बिहार के मिड डे मील मर्डर का मामला अभी सुलझा भी नहीं था कि दिल्ली के भारत नगर में आयरन की गोली खाने से दर्जनों बच्‍चे बीमार हो गए हैं , लेकिन यही बस नहीं अभी आगे सिलसिला जारी है .....  .
इन दिनो स्वास्थय विभाग द्वारा लाए जा रहे आयरन फालिक एसिड अभियान के तहत हरियाणा के सभी स्कूलों में बच्चों में आयरन की कमी को देखते हुए आयरन की गोलियाँ खिलायी जा रही , हालाँकि  बच्चों के बीमार होने का कारण इसी की वजह साबित हो चुका ,लेकिन फिर भी स्वास्थय विभाग के आदेशा अनुसार एक बार फिर सभी स्कूलों में आदेश दे दिए गए है और एक बार फिर वही हुआ |
मंडी डबवाली के गांव बिज्जुवाली हाई स्कूल के कुल 202 बच्चों में से 65 बच्चे आयरन की गोलियाँ खिलाने से बीमार हो गए और जिनमें में से 10 की हालत ज्यादा गंभीर हो गयी जिन्हे तुरंत डबवाली के सामान्य हॉस्पिटल में रेफर कर दिया गया ,2 की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है ,इसके अलावा भी अलग -2 स्कूलों में जिनमें बनवालाला .रताखेड़ा ,राजपुरा सहित कई स्कूलों में आयरन की गोलियाँ खिलाने से कई बच्चे बीमार हो गए ,पाया या बच्चों को  चक्कर रहे थे ,उल्टियाँ  लग गयी और ,पेट दर्द की शिकायत भी सुनी गयी कुछ बच्चों को बुखार भी हो या |
वायस ओवर : 1
बनवाला के लगभग 70 बच्चें बीमार हो गए जिन्हें नजदीकी स्वास्थय केंद्रों में दाखिल करवाया या , ,रताखेड़ा ,राजपुरा के 15 बच्चे बीमार  हो गए जिनको गोरीवाला के प्राथमिक स्वास्थय केन्द्र में भर्ती करवाया गया
वहीं बच्चों के अभिभावको में भी भारी रोष देखने को मिला उनका यह कहना है कि यह गोलियाँ नहीं दी जानी चाहिए ,सबसे पहले जाँच होनी चाहिए ,सरकार को यह मिशन बंद करना चाहिए ,यह सड़ा सर बच्चों के साथ खिलवाड़ हो रहा है |
वायस ओवर : 2
एक बार फिर मिलीं स्वास्थय विभाग की लापरवाही ,नहीं पहुँचा विभाग ,स्कूल के इंचार्ज करते रहे फोन नही आए विभाग के अधिकारी ,उधर बच्चें रो रहे थे लेकिन विभाग बहानेबाज़ी कर रहा था ,वहीं जब इस विष पर स्वास्थय नरीक्षक से पूछ गया तो उन्होने कोई जवाब नहीं दिया और कहा की देरी तो लग जाती है और कोइ भेऐ बात करने से इंकार कर दिया
लेकिन स्कूल विभाग फिर भी स्वास्थय विभाग का बचाव करता आया

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