Tuesday 27 August 2013

5057 साल बाद फिर देखने को मिला जन्माष्टमी पर दुर्लभ संयोग
Gurvinder Pannu


इस बार 28 अगस्त को मनाई जाने वाली जन्माष्टमी तिथि राशि और नक्षत्र के अनुसार बहुत ही खास है। \'योतिष के जानकारों के मुताबिक 5057 साल बाद जन्म अष्टमी पर तिथि, वार, नक्षत्र व ग्रहों के अद्भुत मेल का ऐसा संयोग बना है जो श्रीकृष्ण जन्म के समय द्वापर युग में बना था। इस लिहाज से इस बार की जन्माष्टमी विशेष फलदायी होगी।
 इससे पहले सन 1932 और 2000 में भी बुधवार के दिन जन्म अष्टमी पड़ी थी। उस समय तिथि और नक्षत्र का मेल नहीं था लेकिन इस बार नक्षत्र, दिन, तिथि, लग्न सभी एक साथ विद्यमान रहेंगे। अष्टमी तिथि सूर्योदय से होने के कारण वैष्णव और शैव संप्रदाय इस पर्व को एक ही दिन मनाएंगे
क्षत्र व ग्रहों के अद्भुत मेल का ऐसा संयोग बना है जो श्रीकृष्ण जन्म के समय द्वापर युग में बना था। ...
इस बार 5000 हजार साल बाद पुरे देश भर में वही दिन एक बार फिर आया है जिस दिन भगवान श्री कृष्ण जी ने जन्म लिया था और कंश का खात्मा किया था ,लोगा का ऐसा मानना है कि आज माँगी गयी हर मनोकामना पूरी होगी तथा आज भगवान का ख़ुद अवतार होगा जो भी बच्चा आज जन्म लेगा वो भाग्यशाली होगा
इस बार महायोग हुआ है यह बड़े सौभाग्य की बात है कि द्वापर युग में उस समय भी बुधवार था विश्वा लग्न ,रोहिणी नक्षत्र था ,ज्योतिष के जानकारों के मुताबिक 5000 साल बाद जन्म अष्टमी परतिथि, वार, नक्षत्र व ग्रहों के अद्भुत मेल का ऐसा संयोग बना है जो श्रीकृष्ण के जन्म दिन पर था

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