Sunday 26 July 2015

जन्म फरवरी में और मार्च का बना दिया जन्म प्रमाण पत्र, पाेल खुलने के डर से परिवार को दी धमकी पीएचसी में स्टाफ के कारनामे की एसएमओ को दी शिकायत, सीएम व स्वास्थ्य मंत्री को पत्र भेजकर लगाई गुहार
पूर्ण धनेरवा -मंडी  डबवाली

उपमंडल में स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की लापरवाही का नया कारनामा सामने आया है। जिसमें फरवरी में जन्मी बच्ची को मार्च में जन्म का प्रमाण पत्र जारी कर दिया। जिससे स्वास्थ्य विभाग के कंप्यूट्रीकृत रिकाॅर्ड में मार्च और कागजी रिकॉर्ड में फरवरी में बच्ची का जन्म दर्ज होने  के चक्कर में बेटी व उसकी मां को सरकारी सुविधाओं को लाभ नहीं मिल रहा है। जिसका खुलासा शनिवार को गांव मट्टदादू निवासी पीड़ित परिवार नेे एसएमओ को दी गई शिकायत से हुआ।

   पीड़ित गांववासी इकबाल सिंह पुत्र  ने बताया कि उसकी पत्नी भिंद्र कौर ने बीती 9 फरवरी को गंगा पीएचसी में बच्ची को जन्म दिया। जिसके बाद उन्हें 9 मार्च को जन्म होने का प्रमाण पत्र मिला। जिसे जन्म और प्रमाण पत्र में एक माह का अंतर होने की शिकायत स्टाफ को की तो उन्होंने प्रमाण पत्र सही करने का कहकर उसे वापस रख लिया। इसके बाद कई बार पीएचसी के चक्कर काट चुके हैं जबकि कन्या जन्म पर अनुसूचित जाति की प्रसुता व नवजात काे मिलने वाली योजनाओं का लाभ पाने के लिए दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं लेकिन सभी उनसे सही तारीख वाले जन्म प्रमाण पत्र की मांगते हैं। जबकि गंगा पीएचसी स्टाफ का कहना है कि वे कंप्यूट्रीकृत व कागज में अलग अलग दर्ज हुए रिकॉर्ड को अब दुरुस्त नहीं कर सकते। जिससे स्टाफ की गलती का खामीयाजा नवजात बच्ची व उसके परिजनों को भुगतना पड़ रहा है।

स्टाफ पर गाली गलौज का आरोप

पीड़ित इकबाल ने एसएमओ शिकायत में बताया कि 24 जुलाई को सही प्रमाण पत्र लेने के लिए परिवार की महिलाएं गंगा पीएचसी में गई। जहां मौजूद महिला स्टाफ ने उन्हेें सही प्रमाण पत्र देने से मना कर दिया। साथ ही इसकी शिकायत करने पर नवजात व मां को सरकारी व स्वास्थ्य योजना के लाभ नहीं देने की धमकी दी व महिलाअों से गाली गलौज कर पीएचसी से बाहर निकाल दिया। इस पर रोते हुए परिवार की महिलाएं घर पहुंची। जिसपर  उन्होंने फोन से एसएमओ को शिकायत दी जबकि मामले को लेकर सीएम मनोहर लाल खट्टर व स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज को पत्र लिखकर नवजात बेटी और उसकी मां के साथ हो रही ज्यादती व स्वास्थ्य विभाग के लापरवाही स्टाफ की शिकायत की है। पीड़ित ने मामले की जांच कर रिकाॅर्ड गलत करने, महिलाओं से दुर्व्यवहार करने और धमकी देने वाले स्टाफ के सार्वजनिक जांच कर कानूनी व विभागीय स्तर पर दोहरी कार्रवाई करने की मांग की। साथ ही बेटी को उसकी जन्मतिथि 9 फरवरी 2015 का सही प्रमाण पत्र जारी कर सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाए जाने की मांग की।

 परिवार की शिकायत मिली है। रिकॉर्ड में नवजात बेटी की इस प्रकार दोहरी जन्मतिथि दर्ज होना गलत है। इसकी जांच की जाएगी। साथ ही योजनाओं का लाभ नहीं देने और गाली गलौज व धमकी देकर अस्पताल से बाहर निकालने के मामले की भी जांच होगी। नवजात को जल्द ही सही तिथि का जन्म प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाएगा। ताकि उसे सरकारी योजनाअों का पूरा लाभ मिले।

डॉ. एमके भादू, एसएमओ, डबावाली

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