Monday 29 June 2015

डबवाली अग्निकांड पीडि़तों  ने मुख्य मंत्री को भेजा मेडिकल कॉलेज की मांग को लेकर पत्र 
काश कोई दर्द समझ सके.........
मंडी डबवाली ----गुरविंद्र पन्नू
मंडी  डबवाली अग्निकांड पीडि़तों ने प्रदेश के मुख्य मंत्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा हरियाणा के प्रत्येक जिला में मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा के आधार पर डबवाली के लिए मेडिकल कालेज बनाए जाने की मांग की है । पीडि़तों का कहना है कि त्रासदी के बीस साल बाद भी उनके जख्मों से खून रिसता है। उपचार करवाने के लिए उन्हें दर-दर की ठोकरें खानी पड़ती हैं। सोमवार को पीडि़तों ने तहसीलदार नौरंग दास को मांग पत्र सौंपा। अग्निकांड पीडि़त विनोद बांसल, केशव शर्मा, शमशेर सिंह, सुच्चा सिंह भुल्लर, इकबाल शांत, रमेश सचदेवा जयमुनी गोयल के नेतृत्व में एक शिष्टमंडल उपमंडलाधीश सुरेश कस्वां की गैर मौजूदगी में तहसीलदार नौरंग दास से मिला। 
उन्हें सीएम हरियाणा के नाम एक मांग पत्र सौंपा। अग्निकांड पीडि़तों ने सीएम को भेजे पत्र में अपनी कहानी को ब्यान करते हुए कहा की हरियाणा के हर जिले में मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा की है, जिसका अग्निकांड पीडि़त स्वागत करते हैं। दुनिया की भीषणतम अग्नि त्रासदी झेलने वाले शहर डबवाली में इस मेडिकल कॉलेज की स्थापना की जाये।

23 दिसम्बर 1995 को डबवाली में हुए भीषण अग्निकांड में 442 लोगो ने जान गंवाई थी तथा 200 के करीब झुलस गये थे। डबवाली की भागौलिक स्थिति के अनुसार यह शहर तीन राज्यों की सीमा पर स्थित है। शहर के चारों तरफ राष्ट्रीय महामार्ग है तथा रेलवे की दृष्टि से भी यह शहर महत्वपूर्ण है। यहां से राजस्थान, गुजरात, पंजाब व दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, झारखंड, बिहार तथा असम तक रेल गाडिय़ों का परिचालन होता है। स्वास्थ्य सुविधाओं के मामले में यह क्षेत्र बहुत पिछड़ा हुआ है। आपात काल या बीमारी की स्थिति में मरीजों को लुधियाना, पटियाला, चण्डीगढ़, आग्रोहा या रोहतक व दिल्ली स्थित मेडीकल कॉलजों में जाना पड़ता है। कई बार तो रोगियों की रास्ते में ही मौत हो जाती है। निकटवर्ती शहर बठिंडा तथा सिरसा में स्वास्थ्य सुविधाएं ठीक हैं। इसलिए यदि डबवाली में मेडिकल कॉलेज की स्थापना की जाती है तो यह इलाके के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करेगा तथा इससे तीन राज्यों की जनता को लाभ पहुंचेगा। मेडिकल शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को आवागमन की भी बेहतर सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी।
    जिक्रयोग है की लंबे समय से अग्नि पीड़ित लोग मेडिकल कोलेज की मांग कर रहे है डबवाली में दुनिया की  सबसे बड़ी अग्नि त्रासदी के बाद 29 दिसम्बर 1995 को तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हाराव तथा हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री चौधरी भजन लाल अग्निकांड पीडि़तों का दर्द जानने के लिए डबवाली पहुंचे थे। अग्निकांड पीडि़तों ने उनके समक्ष डबवाली में मेडिकल कॉलेज खोलने की मांग रखी थी। जिस पर उन्होंने सहानुभूति पूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया था। इस बात को आज बीस वर्ष बीत चुके हैं। अग्निकांड में घायल हुए करीब दो सौ लोगों को इलाज के लिए भटकना पड़ता है। ऐसे में सीएम मनोहर लाल खट्टर की घोषणा से अग्निकांड पीडि़तों को आस बंधी है।
    वहीँ अब इस समर्थन के लिए अग्निकांड पीडि़त मुहिम शरू करने की कवायद में है  मेडिकल कॉलेज की डबवाली में स्थापना के लिए अग्निकांड पीडि़त मुहिम चलाएंगे। इसके तहत प्रत्येक राजनीतिक संस्था तथा एनजीओ से संपर्क स्थापित किया जाएगा। जल्द ही सामाजिक संस्थाओं के साथ संयुक्त बैठक करके आगामी रणनीति तय की जाएगी। अग्निकांड पीडि़तों के अनुसार राजनीतिकों के लिए 20 साल पहले यह विचार का विषय था। लेकिन आज सरकार खुद मेडिकल कॉलेज स्थापित करने की इच्छा शक्ति प्रकट कर रही है। सरकार को बिना देरी के डबवाली को मेडिकल कॉलेज देना चाहिए।
उधर डबवाली के नौरंग दास, तहसीलदार ने कहा कि अग्निकांड पीडि़तों की मांग जायज है। इसे उच्च अधिकारियों की मार्फत आवश्यक कार्रवाई के लिए सरकार के पास भेजा जाएगा।
अग्निकांड के दिए जख्म आज भी हरे हैं। जख्मों से खून बहने लगता है। नजदीक कोई स्वास्थ्य संस्थान न होने के कारण रोहतक, दिल्ली की राह पकडऩी पड़ती है। ऐसे में अगर त्रिवेणी इलाके में मेडिकल कॉलेज स्थापित हो जाए तो बेहतर होगा। अग्निकांड पीडि़तों को घर द्वार पर इलाज की सुविधा मिल जाएगी। दूसरा हरियाणा, पंजाब तथा राजस्थान के लोगों को फायदा होगा।------विनोद बांसल, प्रवक्ता, अग्निकांड पीडि़त संघ

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