Tuesday 30 June 2015

डबवाली में खोला जाए मेडिकल कालेज- नैना चौटाला

डबवाली-------इनेलो विधायक नैना सिंह चौटाला ने हरियाणा सरकार से डबवाली में मेडिकल कालेज खोलने की मांग की है। इस संबंध में नैना चौटाला ने सीएम मनोहर लाल खट्टर को पत्र लिखा है।
विधायक नैना चौटाला ने डबवाली अग्रिकांड पीडि़तों की मांग का समर्थन करते हुए मुख्यमंत्री से मांग की है कि सरकार की प्रत्येक जिले में मेडिकल कालेज खोलने की घोषणा के मुताबिक डबवाली में मेडिकल कालेज खोला जाए। उन्होंने कहा कि डबवाली में मेडिकल कालेज खोलने से हरियाणा के साथ-साथ राजस्थान, पंजाब के लोगों को लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि डबवाली के सरकारी अस्पताल चिकित्सकों के साथ साथ अन्य आपातकालीन सुविधाओं की भारी कमी है। इसके चलते मरीजों को भठिंडा या रोहतक मेडिकल कालेज में इलाज के लिए ले जाना पड़ता है। उन्होंने कहा कि डबवाली से रोहतक और भठिंडा जैसे शहर अधिक दूर होने से मरीजों के जीवन का खतरा बढ़ जाता है और सीरियस मरीजों के रास्ते में जान जाने की खतरा बना रहता है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में घग्घर के विषैले जल की बदौलत कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी अपने पांव पसार चुकी है।
नैना सिंह चौटाला ने पत्र में कहा है कि डबवाली अग्रिकांड पीडि़तों के आंसू भी सूखे नहीं है और उन्हें इलाज के लिए दर-दर भटकना पड़ता है। उन्होंने कहा है कि अग्रिकांड पीडि़तों की डबवाली में मेडिकल कालेज खोलने की मांग पूरी तरह से वाजिब है।
उन्होंने कहा है कि वह उनकी इस मांग का न केवल समर्थन करती हैं बल्कि हरियाणा सरकार से डबवाली में मेडिकल कालेज खोलने की पूर जोर मांग करती हैं।

Monday 29 June 2015

डबवाली अग्निकांड पीडि़तों  ने मुख्य मंत्री को भेजा मेडिकल कॉलेज की मांग को लेकर पत्र 
काश कोई दर्द समझ सके.........
मंडी डबवाली ----गुरविंद्र पन्नू
मंडी  डबवाली अग्निकांड पीडि़तों ने प्रदेश के मुख्य मंत्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा हरियाणा के प्रत्येक जिला में मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा के आधार पर डबवाली के लिए मेडिकल कालेज बनाए जाने की मांग की है । पीडि़तों का कहना है कि त्रासदी के बीस साल बाद भी उनके जख्मों से खून रिसता है। उपचार करवाने के लिए उन्हें दर-दर की ठोकरें खानी पड़ती हैं। सोमवार को पीडि़तों ने तहसीलदार नौरंग दास को मांग पत्र सौंपा। अग्निकांड पीडि़त विनोद बांसल, केशव शर्मा, शमशेर सिंह, सुच्चा सिंह भुल्लर, इकबाल शांत, रमेश सचदेवा जयमुनी गोयल के नेतृत्व में एक शिष्टमंडल उपमंडलाधीश सुरेश कस्वां की गैर मौजूदगी में तहसीलदार नौरंग दास से मिला। 
उन्हें सीएम हरियाणा के नाम एक मांग पत्र सौंपा। अग्निकांड पीडि़तों ने सीएम को भेजे पत्र में अपनी कहानी को ब्यान करते हुए कहा की हरियाणा के हर जिले में मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा की है, जिसका अग्निकांड पीडि़त स्वागत करते हैं। दुनिया की भीषणतम अग्नि त्रासदी झेलने वाले शहर डबवाली में इस मेडिकल कॉलेज की स्थापना की जाये।

23 दिसम्बर 1995 को डबवाली में हुए भीषण अग्निकांड में 442 लोगो ने जान गंवाई थी तथा 200 के करीब झुलस गये थे। डबवाली की भागौलिक स्थिति के अनुसार यह शहर तीन राज्यों की सीमा पर स्थित है। शहर के चारों तरफ राष्ट्रीय महामार्ग है तथा रेलवे की दृष्टि से भी यह शहर महत्वपूर्ण है। यहां से राजस्थान, गुजरात, पंजाब व दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, झारखंड, बिहार तथा असम तक रेल गाडिय़ों का परिचालन होता है। स्वास्थ्य सुविधाओं के मामले में यह क्षेत्र बहुत पिछड़ा हुआ है। आपात काल या बीमारी की स्थिति में मरीजों को लुधियाना, पटियाला, चण्डीगढ़, आग्रोहा या रोहतक व दिल्ली स्थित मेडीकल कॉलजों में जाना पड़ता है। कई बार तो रोगियों की रास्ते में ही मौत हो जाती है। निकटवर्ती शहर बठिंडा तथा सिरसा में स्वास्थ्य सुविधाएं ठीक हैं। इसलिए यदि डबवाली में मेडिकल कॉलेज की स्थापना की जाती है तो यह इलाके के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करेगा तथा इससे तीन राज्यों की जनता को लाभ पहुंचेगा। मेडिकल शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को आवागमन की भी बेहतर सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी।
    जिक्रयोग है की लंबे समय से अग्नि पीड़ित लोग मेडिकल कोलेज की मांग कर रहे है डबवाली में दुनिया की  सबसे बड़ी अग्नि त्रासदी के बाद 29 दिसम्बर 1995 को तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हाराव तथा हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री चौधरी भजन लाल अग्निकांड पीडि़तों का दर्द जानने के लिए डबवाली पहुंचे थे। अग्निकांड पीडि़तों ने उनके समक्ष डबवाली में मेडिकल कॉलेज खोलने की मांग रखी थी। जिस पर उन्होंने सहानुभूति पूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया था। इस बात को आज बीस वर्ष बीत चुके हैं। अग्निकांड में घायल हुए करीब दो सौ लोगों को इलाज के लिए भटकना पड़ता है। ऐसे में सीएम मनोहर लाल खट्टर की घोषणा से अग्निकांड पीडि़तों को आस बंधी है।
    वहीँ अब इस समर्थन के लिए अग्निकांड पीडि़त मुहिम शरू करने की कवायद में है  मेडिकल कॉलेज की डबवाली में स्थापना के लिए अग्निकांड पीडि़त मुहिम चलाएंगे। इसके तहत प्रत्येक राजनीतिक संस्था तथा एनजीओ से संपर्क स्थापित किया जाएगा। जल्द ही सामाजिक संस्थाओं के साथ संयुक्त बैठक करके आगामी रणनीति तय की जाएगी। अग्निकांड पीडि़तों के अनुसार राजनीतिकों के लिए 20 साल पहले यह विचार का विषय था। लेकिन आज सरकार खुद मेडिकल कॉलेज स्थापित करने की इच्छा शक्ति प्रकट कर रही है। सरकार को बिना देरी के डबवाली को मेडिकल कॉलेज देना चाहिए।
उधर डबवाली के नौरंग दास, तहसीलदार ने कहा कि अग्निकांड पीडि़तों की मांग जायज है। इसे उच्च अधिकारियों की मार्फत आवश्यक कार्रवाई के लिए सरकार के पास भेजा जाएगा।
अग्निकांड के दिए जख्म आज भी हरे हैं। जख्मों से खून बहने लगता है। नजदीक कोई स्वास्थ्य संस्थान न होने के कारण रोहतक, दिल्ली की राह पकडऩी पड़ती है। ऐसे में अगर त्रिवेणी इलाके में मेडिकल कॉलेज स्थापित हो जाए तो बेहतर होगा। अग्निकांड पीडि़तों को घर द्वार पर इलाज की सुविधा मिल जाएगी। दूसरा हरियाणा, पंजाब तथा राजस्थान के लोगों को फायदा होगा।------विनोद बांसल, प्रवक्ता, अग्निकांड पीडि़त संघ

Sunday 28 June 2015

बेटी बचाने में गाँव मोड़ी ने बनाया रिकॉर्ड, सरकार के पास नहीं पढ़ाने का दम
बेटी बचाने की अलख-------
बेटी बचाने के मामले में खंड डबवाली का छोटा सा गांव मोडी पूरे जिला सिरसा को नसीहत दे रहा है। वहीँ दुसरे सभी गाँवो में लिंगानुपात बेहद शर्मनाक है। लेकिन मोड़ी गाँव में एक जनवरी 2014 से 31 दिसंबर 2014 तक गोरीवाला पीएचसी के तहत आने वाले गांव मोड़ी का लिंगानुपात 1000 : 2333 है। नौ बेटों के जन्म पर 21 बेटियों ने जन्म लिया है।जोकि अपने आप में बेमिसाल है उपमंडल में सबसे ज्यादा लिंगानुपाते वाले गांव में मोड़ी गाँव ने सिरसा जिले के लिए एक जागरूकता और बेटी बचाओ अभियान में दुसरे गाँवो को नसीहत दी है 
    खंड के छोटे गांवों में शुमार शामिल मोडी में करीब 150 परिवार रहते हैं। जिनकी आबादी 2 हजार है। इनमें आधे से अधिक परिवारों में दो से ज्यादा बेटियां है। ग्रामीणों में धार्मिक जागरूकता के चलते बेटियों के जन्म पर भी खुशी मनाई जाती है और पालन पोषण व शिक्षा में भी अभिभावक बेटियों को महत्व देते है  जिससे गांव में बेटियों को लिंगानुपात वर्ष 2014 में बेटो  के मुकाबले 233 प्रतिशत रहा है।
इसी प्रकार गांव के राजकीय स्कूल में बेटियों की संख्या बेटों से ज्यादा है। स्कूली शिक्षा के साथ खेलों में भी गांव की बेटियां अव्वल है और पिछले वर्ष जिला व प्रदेश स्तर पर गेम्स में कई छात्रा खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया। जिनमें दो छात्राओं को 30-30 हजार रुपये का पुरस्कार मिला है।ग्रामीणों ने बताया कि बेटियों को गांव में 8वीं तक का स्कूल होने से आगे पढ़ाने में परेशानी हो रही थी। जिससे सभी ने एकजुट होकर एक ऑटो फिक्स किया है। जो रोजान 9वीं से 12वीं तक की छात्राओं को गांव से बैठाकर गोरीवाला के स्कूल में ले जाता है और वापस लाता है। जिससे अधिकतर बेटियां उच्च शिक्षा प्राप्त कर रही है। लेकिन अभी तक गांव की किसी बेटी को रोजगार नहीं मिलने से निराशा है।
सुविधाओं का है अभाव----
जहाँ इस गाँव ने पुरे सिरसा जिले को एक तमाचा मरते हुए भ्रूण हत्या पर रोक लगाने का सन्देश दिया है तो वहीँ यह गाँव आज भी विकास के मामले सभी गाँवो से पिछड़ा हुआ है गांव में पंचायतघर के लिए बने राजीव गांधी केंद्र में आंगनबाड़ी चलाई जा रही है। जिसका मेन गेट टूटा है जबकि शौचालय खस्ताहाल पड़े हैं। यहां स्थापित आंगनबाड़ी वर्कर शहर से आने के कारण आंगनबाड़ी अक्सर बंद रहती है।  गांव में जलघर नहीं है और गांव मुन्नावाली से दो दिन बाद सप्लाई दी जाती है। जिससे ग्रामीणों को पास से बहने वाले नहर से पानी भरकर काम चलाना पड़ रहा है। बिजली कट से भी ग्रामीणों परेशान हैं और दिनभर मे महज 3 घंटे ही बिजली आती है। यहां बस स्टैंड की भी सुविधा नहीं है। जिससे बसों के लिए पेड़ों की छांव में रुककर इंतजार करना पड़ता है।
गांव के लोग बेटा बेटी में कोई फर्क नहीं समझते और भ्रूण हत्या के पूर्ण तौर पर खिलाफ हैं। जिससे बेटियों की संख्या सबसे ज्यादा है। गांव में आमजन को जागरूक करने के लिए प्रशासन से भी मांग की जाती है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हाेती। हमने बेटियों के लिए हाई स्कूल, खेल मैदान, रोजगार के अवसर देने व जलघर बनाने के लिए कई बार प्रस्ताव प्रशासन व सरकार को भेजे हैं लेकिन कोई मांग पूरी नहीं की गई।
गांव में अधिकतर मजदूर वर्ग के लोग होने पर भी लोग खुशहाल हैं। यह बेटियो का ही आशीर्वाद है। गांव के 50 प्रतिशत से अधिक परिवारों में 3 से अधिक बेटियां है। बेटियों के प्रति बेहतर सोच से गांव में हमेशा से रही है। कई जगह ये बेटों की चाहत हो सकती है लेकिन अधिकतर जगह बेटियो  का दुलार ही है।
गाँव के जंगीर सिंह पूर्व सरपंच ने बताया कि हमारे गाँव में भ्रूण हत्या पर रोक है और पूरा गाँव बेटी को ज्यादा तवजो देता है कोई भी यहाँ पर पीछे नहीं है सभी लोग बेटियों को बेटो की बजाए ज्यादा प्यार देते है यही कारण है की हमारे गाँव ने सिरसा जिले में अनूठा रिकॉर्ड हासिल किया है 
वहीँ एस एम् ओ एम् के भादू ने बताया कि वाक्य ही गाँव मोड़ी ने पुरे डबवाली के लिए बेटी बचाओ अभियान में नसीहत दी है और यह सब गाँव की जागरूकता का परिणाम है और हमने भी हमारी तरफ से खास ध्यान दिया हुआ है और अब भी स्वस्थ्य विभाग गाँव पर स्वाथ्य सुविधाओ पर ध्यान रखा जायेगा

Wednesday 10 June 2015

मॉडल टाउन शहर में पानी बचाओ अभियान की शुरुआत

मंडी डबवाली----
सिरसा जिला में एक मात्र मॉडल टाउन चुने गए शहर डबवाली में लोगो तक साफ़ पानी मुहैया करवाने के लिए जन स्वस्थ्य विभाग ने नई पहल की शुरुआत की है पानी को व्यर्थ बहने से रोकने एवं लोगों को स्वच्छ पेयजल मुहैया करवाने के लिए जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग की स्पैशल कैंपेन शहर में शुरू हो गई। कैंपेन में शत प्रतिशत वैध पेयजल कनेक्शन भी सुनिश्चित किए जाएंगे। इसे लेकर बाल मंदिर स्कूल के नजदीक किलियांवाली एरिया में बने शहर के सबसे पुराने जलघर पर कार्यक्रम हुआ जिसके बाद 4-4 कर्मचारियों पर आधारित 10 टीमों को फार्म, स्टीकर व अन्य सामग्री देकर जागरूक्ता व सर्वे के लिए वार्डों में भेज दिया गया।
टीमों को रवाना करते हुए कैंपेन के नोडल अधिकारी व एसडीओ संकेत कुमार शर्मा ने कहा कि टीम में शामिल कर्मचारी घर-घर जाकर लोगों को पानी की बचत के लिए जागरूक करें। उपभोक्ता से एक फार्म भरवाएं जिसमें उसके पेयजल व सीवरेज कनेक्शन बारे जानकारी हो। अवैध कनैक्शन होने पर उपभोक्ता को उसे रेगुलर करवाने के लिए प्रेरित करें व मौके पर ही उसकी फाईल तैयार करवाई जाए। इसके अलावा यह भी सुनिश्चित किया जाए कि घर में बने ओवरहैड व अंडर ग्राऊंड टैंक में बाल कॉक लगे हैं या नहीं ताकि टैंक भरने की स्थिति में पानी व्यर्थ न बहता रहे। इसे लगवाने के लिए लोगों को कहा जाए। जिन लोगों के पेयजल कनेक्शन पर मीटर नहीं लगवाए गए है वहां मीटर लगाना सुनिश्चित किया जाए। लोगों की पेयजल व सीवरेज से संबंधित समस्या भी फार्म में दर्ज की जाए ताकि उसका निदान किया जा सके।
वहीँ संकेत कुमार शर्मा, एसडीओ  ने बताया कि पहले चरण में 9 जून से 30 जून तक यह स्पैशल कैंपेन चलेगी। इस दौरान शहर में करीब 11 हजार घरों तक पहुंचने का लक्ष्य रखा गया है। अनुमान के मुताबिक इन घरों में 80 प्रतिशत कनेक्शन पहले ही वैध है। कैंपेन के दौरान शेष 20 प्रतिशत कनेक्शन भी नियमित कर शत प्रतिशत लक्ष्य हासिल किया जाएगा। इस कैंपेन से लोगों में पानी बचत को लेकर भी जागरूक्ता आएगी।
बाईट----1 संकेत शर्मा