Thursday 24 July 2014


शिव पार्वती की मूर्ति की स्थापना कल
 डबवाली   -
डबवाली के गाँव अहमदपुर दरेवाला की  श्री राधा क्रिशन गौशाला में शिव पार्वती की मूर्ति की स्थापना शुक्रवार को सुबह 8 बजे की जाएगी|जिसको लेकर मूर्ति स्थापना समारोह को धार्मिक श्रद्धा व धूमधाम से मनाया जा रहा है। इसके तहत महापूजन  बड़ी श्रद्धा व धूमधाम से की जा रही है जोकि कल मूर्ति की स्थापन होगी उसके बाद भंडारा होगा। मंदिर में पूजन  पंडित रमेश कुमार शर्मा के सानिध्य में हो रहा है। गुरूवार को मंदिर परिसर में पूर्व सरपंच गोबिंद कालड़ा अपनी पत्नी सहित पधारे और पूजन कार्यक्रम का हिस्सा बने। 
इस मंदिर का निर्माण गाँव के   पूर्व सरपंच गोबिंद राम कालड़ा ने अपनी माता पिता श्री मति रामदेवी व् श्री पलिया स्वर्गवासी की याद में करवाया है |इस अवसर पर रमेश कुमार पंडित व् प्रधान  शंकर लाल,  ब्रिजलाल कडवासरा, साहब राम सिरावता,  एम् एम् धवन, साहब राम पूनिया, अनिल कालड़ा, राम सिंह, विमल राम, सुरेश टेलर, ओमप्रकाश रंगा सहित कई व्यक्ति मौजूद थे

कजालू बना जिले का पूर्ण साक्षर गांव, कोई नहीं अगुठाछाप
 -----चकजालू जहां बच्चे से लेकर बुढ़े तक सब पढ़े-लिखे
------- गांव में साक्षरता 100 प्रतिशत, अपराध शून्य
----960 की आबादी है गांव की, 2008 में मिले थे 111 निरक्षर
मंडी डबवाली---
जिले का शत-प्रतिशत साक्षर गांव चक्कजालू के 21 नवसाक्षरों को उपायुक्त सिरसा डा. अंशज सिंह द्वारा राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय संगठन (एन आई ओ एस ) द्वारा जारी प्रमाण-पत्रों का वितरण लघु सचिवालय स्थित सभागार में किया गया।

मंडी डबवाली के चकजालु के लोगों ने खुद के प्रयासों से आदर्श पेश किया है। आजादी के बाद से गांव का कोई भी मामला थाने तक नहीं पहुंचा और शत-प्रतिशत साक्षरता वाले इस गांव की आबादी करीब एक हजार है जिनमें सभी लोग शिक्षित हैं। गांव में किसी विवाद की स्थिति में मामला पुलिस के पास जाने के बजाए पंचायत में ही सर्वस
डबवाली खंड का छोटा सा गांव चकजालू जिला सिरसा का पूर्ण साक्षर गांव बन गया है। जहां अब कोई अंगूठा टेक नहीं रहा है। यह कार्य भारत साक्षर मिशन के तहत गांव में स्थापित लोक शिक्षा केन्द्र में प्ररेकों की कड़ी मेहनत से हो सका है।
जानकारी के अनुसार कई करीब दो साल पहले चकजालु गांव शिक्षा से इतना दूर था कि सरपंच सहित 7-8 लोगों को ही अक्षर ज्ञान था। जबकि गांव की आबादी एक हजार से अधिक थी। ऐसे में गांव के सरपंच, स्कूल के मु याध्यापक, प्रेरक अमरजीत ने लोगों को शिक्षा से जोडऩे का जो बीड़ा उठाया उसे पूरा भी किया साथ ही पूरे गांव को साक्षर करते हुए जिले की आदर्श गांव की श्रेणी में लाकर खड़ा कर दिया। आज गांव का कोई ऐसा व्यक्ति नहीं है जिसे अक्षर का ज्ञान नहीं।
दरअसल इस मुकाम को हासिल करने में सबसे बड़ा हाथ है गाँव के राजकीय स्कूल के हैडमास्टर पालविंदर शर्मा और स्कूल स्टाफ का जिन्होंने गाँव में सबसे पहले पढ़ने का मौल तैयार किया और स्कूल में 10 10 बच्चों की टीमे गठित की गयी जिसके बाद उनके उपर एक अध्यपाक को तैनात किया गया यही बच्चे गहर जाकर अपने दादा दादी और आस पास के निरक्षर लोगो को पढ़ाते थे अगर कोई नहीं सीखता तो स्कूल में न जाने की जिद्द करते
एसा सब होने के बाद सार्थक परिणाम आने लाजमी थे की पूरा गाँव साक्षर हो गया फिलहाल अगर बात करे तो इस गाँव में कोई भी व्यक्ति अगुठा छाप नहीं और न ही कोई एसा निवासी नहीं जो किसी का कर्जदार हो बल्कि सम्पूर्ण गाँव निर्मल भी है 
 वहीँ पंचायत की मने तो यब पुरे गाँव की सच्ची लगन से संभव हो पाया है ,ग्राम सरपंच देवीलाल ने कहा की यह सब गांववासियों के सहयोग से संभव हुआ है। गांव की आबादी 960 है व 550 मतदाता हैं। पूरा गांव पढ़-लिख गया है गांव में शांतिपूर्ण माहौल है।

प्रशासन के कई अधिकारी कर चुके है सर्वे ---
गांव चकजालू में निरक्षरों से साक्षर हुऐ ग्रामीणों की जांच एसडीएम सतीश कुमार, खंड शिक्षा अधिकारी संत कुमार व कालुआना आरोही स्कूल की प्राचार्य ने की। जिसमें सभी साक्षर पाऐ गऐ। साक्षर भारत मिशन के जिला संयोजक सुरेंद्र आर्य ने कहा की जिले का चकजालू गांव पूर्ण रूप से साक्षर हो गया है, जिसपर जिला प्रशासन द्वारा गांव को सम्मानित किया गया है।
वहीँ अगर जिले के आंकड़ो पर गौर करे तो जिले में लगभग 1 लाख 85 हजार निरक्षर है। जिनको साक्षर करने के लिए 2011 में साक्षर भारत मिशन के तहत साक्षर करने का कार्य आरंभ हुआ। जिले के 334 गांवों में 666 शिक्षा लोक केन्द्रों पर प्ररेकों ने 15 वर्ष से ऊपर आयु वर्ग को साक्षर किया। इससे पहले सिरसा साक्षरता मिशन व उत्तर साक्षर मिशन के तहत साक्षर करने का कार्य शुरू किया गया जोकि वर्ष 2008 में बंद कर दिया गया।
चकजालू में किसी पर नहीं पुलिस केस या बकाया बिल :
गांव चक्कजालू में कभी किसी गांववासी के खिलाफ कोई पुलिस केस नही हुआ तथा इस गांव में कोई भी ऐसा घर नही है जिसका बिजली का बिल बकाया हो।
गांव की इस शानदार उपल्ब्धि पर  गाँव में खुशी का माहौल है।